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ओरछा:चतुर्भुज और राज मंदिर:दूसरी अयोध्या

chaturbhuj

ओरछा भारत के मध्यप्रदेश राज्य में जिला निवाड़ी में एक कस्बा है जो वेतवा नदी के किनारे बसा है। टीकमगढ से 80 किमी और झाँसी से 15 किमी दूर है।

ओरछा की स्थापना 1531 में बुंदेला प्रमुख रुद्र प्रताप सिंह ने की थी जो ओरछा के पहले राजा थे। उन्होंने ही ओरछा का किला भी बनवाया।

ओरछा किला

ओरछा का सुप्रसिद्ध चतुर्भुज मंदिर का निर्माण ओरछा की रानी गणेश कुंवर ने करवाया जबकि राज मंदिर का निर्माण राजा मधुकर शाह ने1554 से 1591 के बीच करवाया

 

चतुर्भुज मंदिर

मंदिर बनने की कहानी

16वीं शताब्दी में ओरछा के राजा मधुकर शाह भगवान कृष्ण के भक्त थे जबकि उनकी पत्नी रानी कुंवर गणेश भगवान राम की भक्त थीं। इस अंतर को लेकर हमेशा विवाद होते रहते थे। एक बार राजा ने रानी को चुनौती दी कि यदि राम वास्तव में हैं तो उन्हें ओरछा ले आओ। रानी ने अयोध्या जाकर भगवान राम की कठोर तपस्या के साथ 21 दिनों तक प्रार्थना की। लेकिन उनको कोई फल नहीं मिला जिससे दुःखी होकर जब वह जल समाधि लेने लगी तब उन्हें जल की धारा में राम भगवान जी की मूर्ति मिली। कहते हैं ये वो मूर्ति है जब राम भगवान जी बनवास गए तो माता कौशल्या भगवान राम के बचपन की मूर्ति की पूजा करती थी ।उनके बनवास से आने के बाद उन्होंने ये मूर्ति जल प्रवाह कर दी थी जो रानी गणेश कुंवर को मिल गई ।मूर्ति मिलने के बाद राम रानी के सपने में आए और तीन शर्तों के साथ उनके साथ जाने को तैयार हुए: पहली कि वे ओरछा के एकमात्र राजा होंगे, कोई दूसरा राजा नहीं होगा। दूसरा यह कि एक बार उसे जहां भी रखा जाएगा वह वहीं रहेगा और तीसरा कि वह निश्चित समय पर कुछ साधुओं के साथ जाएगा। रानी ने शर्तों को स्वीकार कर लिया और इस प्रकार राम (स्वयं राम का प्रतिनिधित्व करने वाली मूर्ति) को ओरछा लाया गया।

ओरछा लाने के बाद रानी ने मूर्ति को अपने कक्ष में रखा और राजा ने राज मन्दिर बनबना शुरू कर दिया। मंदिर में मूर्ति स्थापना के समय मूर्ति अपनी जगह से नहीं हटी। इसलिए आज भी राज मन्दिर बिना राम के है। रानी का कक्ष के ऊपर ही चतुर्भुज मंदिर है और रानी का कक्ष मंदिर का गर्भगृह है।

 तब से ओरछा में राम ही एकमात्र राजा हैं। यहां तक कि वर्तमान समय में भी राम को एकमात्र राजा माना जाता है और उन्हें हर दिन दिन में पांच बार पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है।

अयोध्या के बाद ओरछा वो जगह है जहां राजा राम का शासन चलता है इसलिए ओरछा को दूसरी अयोध्या भी कहते हैं

जय हो राजा राम की

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