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क्या है आभामंडल *Aura*

ष्टि में सकारात्मक (positive) और नकारत्मक (negetive )दोनों प्रकार की उर्जा हैँ। जिसका प्रभाव समस्त प्राणियों पर पड़ता है। समस्त प्राणियों की भी अपनी एक ऊर्जा होती है जो एक घेरा बनाकर उसके चारों ओर से घेरे रहती है। इस ही घेरे को आभामंडल या प्रभामंडल( Aura)कहते हैं।

कभी-कभी आपने महसूस किया होगा कि बिना किसी कारण के किसी व्यक्ति से मिलकर खुशी होती है। ये खुशी उस व्यक्ति की सकारात्मक ऊर्जा है। कभी-कभी इसके विपरीत होता है।जो नकारत्मक ऊर्जा को दर्शाता है।

सभी प्राणियों का अलग- अलग आभामंडल होता है। मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो अपने आभामंडल को नकारत्मक से सकारात्मक की ओर विकसित कर सकता है।

कैसे पहिचाने अपने आभामंडल (Aura )को:- हमारे आभामंडल (Aura) का सीधा सम्बंध जन्मकुंडली में चंद्रमा की स्थिति से होता है।

Astrology में चंद्रमा को मन और जल दोनों का कारक कहा गया है। जिस प्रकार जल सभी ऊर्जाओं को अपने सोख लेता है उसी प्रकार सृष्टि में घूमती ऊर्जाओं से हमारा मन को प्रभावित होताहै। यदि कुंडली में चंद्रमा अपनी नीच की राशि अर्थात् वृश्चिक ( Scorpio) या वृश्चिक राशि के दो भाव आगे -पीछे भी है,तो ऐसे जातकों का मन बहुत व्यथित या कहिये परेशान रहेता है। क्यूंकि ये स्थिति चन्द्र की कमजोर स्थिति जानी जाती है

इसके विपरीत यदि चंद्रमा अपनी उच्च की राशि वृषभ (Taurus) में या उसके दो भाव आगे पीछे है तो ऐसे जातकों का मन बहुत स्थिर होता है वो परेशानियों से कम घबराते हैं।

इसके अतिरिक्त चंद्रमा पर शुभ और अशुभ ग्रहों की दृष्टि , खराब भावों में चंद्रमा की स्थिति आभामंडल (Aura) पर बहुत असर डालती है।

कैसे बढायें अपना आभामंडल:-

जीवन में कुछ अच्छी आदतों से अपना आभामंडल बढ़ाया जा सकता है। जैसे कि:-

 

1. सुर्य उदय से पहिले उठ कर दैनिक कार्य से निवृत होकर ईश्वर का ध्यान करना चाहिए।

2. बिना बजह की बहस से बचना व झूठ बोलने से बचना चाहिए ।

3. प्राकृतिक संपदा को कोई हानि न पहुँचाने से आभामंडल मजबूत होता है।

4. किसी का दिल दुखाने या किसी भी प्राणी पर किसी प्रकार का अत्याचार करने से आभामंडल कमजोर होता है।

5. सफाई का ध्यान रखना व आलस न करना अच्छे आभामंडल के लिए बहुत जरूरी है।

6. अपने मन को खुश रखना चाहिए दूसरों से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए।

7 जरूरतमंद लोगों की सहायता करनी चाहिए।

आभामंडल (Aura) मजबूत करने का लाभ:-

1. इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और नकारत्मक शक्तियां दूर रहती है जिससे जीवन में आने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है।

2. दूरदर्शिता विकसित होती है। जीवन जीने के लिए लक्ष्य की प्राप्ति होती है।

3. ईश्वर के प्रति समर्पण होता है जोकि अध्यात्म के लिए अति आवश्यक है। अध्यात्म से मन को शांति मिलती है। 4.जीवन में शांति रहने से मन प्रसन्न रहता है। मन की प्रसन्न्ता से स्वास्थ्य उत्तम रहेता है।

5. आभामंडल अच्छा होने से चेहरे पर एक तेज आता है आत्मबल बढ़ता है जिससे समाज में मान सम्मान मिलता है। उत्तम धन की प्राप्ति होती है।

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